मंगल दोष को लग्न दोष भी कहा जाता है मंगल दोष का मुख्य कारण शादी में रुकावट, कार्य संपूर्ण न होने देना, रिश्तो में दरार, पति-पत्नी में कलह की भावना और अंजान दुश्मनों का पैदा होना मंगल दोष के कारण माने जाते हैं, मंगल दोष का विचार अनेक प्रकार से किया जाता है लगन से मंगल, चंद्र से मंगल ,शुक्र से मंगल, और सप्तमेश से मंगल, मंगल ग्रह ज्योतिष शास्त्र में सेनापति के नाम से जाना जाता है यह अंगारे के समान लाल वर्ण का होता है मंगल दोष की शांति के लिए उज्जैन में मंगल का भात पूजन किया जाता है
उज्जैन में मंगल की पूजा का महत्व इसलिए भी बढ़ जाता है क्योंकि शास्त्रों के अनुसार मंगल को धरनी पुत्र कहा गया है और मंगल का जन्म स्थान उज्जैन में ही है इसलिए यहां पर मंगल का पूजा करने से विशेष फल की प्राप्ति होती है तथा विवाह क्षेत्र में जो विलंब आ रहा है उसे समस्या का समाधान भी होता है।