पुत्रदोष पूजन एक परंपरागत धार्मिक अनुष्ठान है, जो कई धार्मिक संस्कृतियों और समाजों में प्रचलित है। इसमें पितृ पूजा, मन्त्रों का पाठ, हवन, और धार्मिक क्रियाओं का सम्पूर्ण कार्यक्रम होता है। यह धार्मिक अनुष्ठान विशेष रूप से पित्रो की शांती (पूर्वजों का आशीर्वाद पाने), सुख की प्राप्ति के लिए किया जाता है।, पितृ दोष जातक की कुंडली के अनुसार कुंडली का वरण कर देखा जाता है, कुंडली के अनुसार ही पितृ दोष का निवारण पूजन किया जाता है, पितृ दोष के कारण धन हानि, कार्य सफल न होना, घर में नकारात्मकता और कोर्ट कचहरी के चक्कर लगाने पड़ते हैं ।